विधानसभा में पेश किए गए बिल में एस.सी. समाज के गुरुओं और धार्मिक ग्रंथों का जिक्र न करना मान सरकार की नालायकी : बेगमपुरा टाइगर फोर्स

विधानसभा में पेश किए गए बिल में एस.सी. समाज के गुरुओं और धार्मिक ग्रंथों का जिक्र न करना मान सरकार की नालायकी : बेगमपुरा टाइगर फोर्स
 
बेअदबी संबंधी बिल पास होने के मौके पर एस.सी. समाज के कैबिनेट मंत्री और विधायकों का चुप रहना मंत्रियों पर धब्बा : हैप्पी, सतीश, बंटी
 
होशियारपुर, 21जुलाई ( तरसेम दीवाना ) बेगमपुरा टाइगर फोर्स के चेयरमैन तरसेम दीवाना और राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मपाल साहनेवाल के दिशा-निर्देशों के अनुसार, बेगमपुरा टाइगर फोर्स की एक आपातकालीन बैठक फोर्स के मुख्य कार्यालय भगत नगर, नज़दीक मॉडल टाउन, होशियारपुर में फोर्स के जिला अध्यक्ष हैप्पी फतेहगढ़ की अध्यक्षता में हुई। बैठक में फोर्स के जिला सीनियर उप-प्रधान सतीश शेरगढ़ और अनिल कुमार बंटी हलका हरियाणा भूंगा के अध्यक्ष ने विशेष रूप से भाग लिया।
इस अवसर पर नेताओं ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 14 जुलाई, 2025 को पवित्र ग्रंथों के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम के लिए बिल, 2025 को मंजूरी दे दी है। इसका उद्देश्य सभी धर्मों के पवित्र धार्मिक ग्रंथों की रक्षा करना और सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना है। लेकिन आम आदमी पार्टी द्वारा पंजाब विधानसभा में पेश किए गए बिल में रविदासिया समाज, वाल्मीकि समाज, डॉ. भीमराव अंबेडकर जी, कबीरपंथी समुदाय के गुरुओं और अन्य महापुरुषों की मूर्तियों और धार्मिक ग्रंथों का पास किए गए बिल में कोई जिक्र न  होना आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, मंत्रियों और राज्य अध्यक्ष अमन अरोड़ा की अनुसूचित जाति विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि यह बिल गुरु रविदास जी की मूर्ति और पवित्र ग्रंथ अमृतवाणी, भगवान वाल्मीकि जी की मूर्ति, सतगुरु कबीर जी की मूर्ति और संत नाभा दास की मूर्ति, भारतीय संविधान के निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर जी की मूर्ति की बेअदबी करने वालों के लिए सजा का प्रावधान न करके दलित समुदाय के प्रति नफरत भरी मानसिकता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने जानबूझकर इन सभी महापुरुषों को नजरअंदाज किया है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत दुख की बात है कि सरकार में भगवान वाल्मीकि समाज, सतगुरु रविदास समाज, सतगुरु कबीर समाज और महाशा समाज से संबंधित 30 विधायक और कैबिनेट मंत्री हैं, लेकिन वे भी इस महत्वपूर्ण बिल के पास होने के समय गूंगे साबित हुए और अपने मन की बात कहने से भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि एस.सी., बी.सी. समाज के मंत्रियों ने इस गंभीर मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और उनकी यह चुप्पी निराशाजनक और बहुत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि एस.सी. समाज से संबंध रखने वाले मंत्री, विधायक, सांसद द्वारा अपने महापुरुषों की रक्षा करने के लिए अपना मुंह न खोलना एस.सी. समाज के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि पंजाब में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 35 प्रतिशत है, जिसे किसी भी तरह से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा विपिन कुमार, डॉ. सुनील संधू शेरगढ़, जसप्रीत शेरगढ़, सतीश कुमार बसी बाहिद, अमरीक सिंह राजू, मनप्रीत कलोता, रविंदर आदि उपस्थित थे।

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